
सरकार की नई गाइडलाइंस:12 साल से बड़े बच्चों को जरूर पहनाएं मास्क, 18 साल से कम उम्र में स्टेरॉयड्स से इलाज नहीं
Published on: 21/01/2022
कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगातार मास्क लगाने के कारण बॉडी पर साइड इफेक्ट्स पर चर्चाओं के बीच केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइडलाइंस में खासतौर पर बच्चों के मास्क प्रोटोकॉल को स्पष्ट किया है। साथ ही उनके कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने पर किए जाने वाले इलाज का प्रोटोकॉल भी बता दिया है।
मंत्रालय ने साफतौर पर कहा है कि 5 साल से छोटे बच्चों को मास्क पहनाने की जरूरत नहीं है, लेकिन 12 साल या उससे ज्यादा उम्र के बच्चों को हर हाल में व्यस्कों की तरह ही मास्क पहनना चाहिए। साथ ही मंत्रालय ने कहा है कि 18 साल से कम उम्र वाले किसी भी बच्चे या किशोर का इलाज करने के दौरान उन्हें मोनोक्लोनल एंटीबॉडी नहीं दिए जाएंगे।
यह है नई गाइडलाइंस में मास्क प्रोटोकॉल
5 साल या उससे कम उम्र के बच्चों को मास्क नहीं पहनाना चाहिए।
6 से 11 साल तक की उम्र के बच्चों को मास्क पहनाया जा सकता है।
ऐसे बच्चों को मास्क पहनाना है या नहीं ये पेरेंट्स जरूरत के हिसाब से तय करेंगे।
12 साल से बड़ी उम्र के बच्चों को व्यस्कों की तरह ही मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।
बच्चों के इलाज के लिए में इस्तेमाल न हों स्टेरॉयड्स
मंत्रालय ने कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़ी है, लेकिन इसके कारण गंभीर बीमार होने वालों की संख्या बेहद कम है। मंत्रालय के मुताबिक, 18 साल से कम उम्र के बच्चों की कोरोना संक्रमण के कारण कितनी भी गंभीर हालत क्यों न हो, उन्हें किसी भी तरह का एंटीवायरल स्टेरॉयड या मोनोक्लोनल एंटीबॉडी नहीं दिया जाना चाहिए। खासतौर पर बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करने की सलाह दी है