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MP में बन रहा सबसे बड़ा नौ ग्रह मंदिर:ग्वालियर के डबरा में 12 एकड़ में सूर्य सहित नौ ग्रह पत्नी संग विराजेंगे | About Ujjain

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MP में बन रहा सबसे बड़ा नौ ग्रह मंदिर:ग्वालियर के डबरा में 12 एकड़ में सूर्य सहित नौ ग्रह पत्नी संग विराजेंगे | About Ujjain

Published on: 14/01/2023

MP में बन रहा सबसे बड़ा नौ ग्रह मंदिर:ग्वालियर के डबरा में 12 एकड़ में सूर्य सहित नौ ग्रह पत्नी संग विराजेंगे

 

MP के ग्वालियर जिले की डबरा तहसील में मप्र का सबसे बड़ा नवग्रह मंदिर बन रहा है। काम 90 फीसदी पूरा हो चुका है। इस मंदिर को विज्ञान और ज्योतिष दोनों की मान्यताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।

 

मंदिर में क्या है खास

डबरा शहर के पास अब 12 एकड़ में नवग्रह मंदिर बन रहा है।  डबरा की नई पहचान अब यहां बनने वाले नवग्रह मंदिर से होने की उम्मीद है। मंदिर ट्रस्ट का दावा है कि ये मप्र का सबसे भव्य नवग्रह मंदिर होने जा रहा है। जहां सभी नौ ग्रह अपनी पत्नियों के साथ विराजेंगे।

मंदिर निर्माण में द्रविड़ ,फ़ारस और मिश्रित शैली का उपयोग किया गया है तो संपूर्ण मंदिर का निर्माण गोलाकार रूप में किया गया है। यहां वास्तु और विज्ञान दोनों का ध्यान रखा क्या है क्योंकि वास्तु में गोलाकार वस्तु पर अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता तो साइंस के अनुसार ग्रह वृत्ताकार कक्षाओं में ही भ्रमण करते हैं।

मंदिर के पास एक विशाल तालाब बनाया गया है जिसमें प्रवाहित जल मंदिर की परिक्रमा करते हुए वापस तालाब में पहुंचेगा और परिक्रमा का यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा।

 

तीन मंजिला बनाया गया है मंदिर का भवन।

• 40 हजार वर्गफीट में बन रहा नवग्रह मंदिर का मुख्य हिस्सा।

• 108 पिलर पर खड़ा किया गया है मंदिर का ढांचा।

• 108 ॐ की नक्काशी की गई है सभी नौ मंदिरों की मार्बल की दीवार पर।

• प्रथम तल पर सत्संग व धार्मिक आयोजन के लिए  हॉल तैयार किया गया है।

• दूसरे तल पर सारे ग्रह सपत्नीक जिनमें शुक्र, चंद्र, मंगल, राहु, केतु, शनि, बृहस्पति, बुध और उनके आदि देवता दुर्गा, शिव, गणेश, सर्प, हनुमान, राधाकृष्ण और राम की अष्ट धातु और मार्बल प्रतिमाएं स्थापित होंगी।

• मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के रुकने के लिए 150 कमरे, हॉल, पुस्तकालय, व्यायाम शाला, किचन।

• 9 हजार वर्ग फीट में नक्षत्र वन, जिसमें प्रत्येक वृक्ष की परिक्रमा की व्यवस्था

• मंदिर में फव्वारा,मंदिर के सामने शिव जी की प्रतिमा यहां से भगवान शिव की प्रतिमा से गंगा का पानी तालाब में जाएगा।

इस साल के अंत या अगले साल के प्रारंभ में इसका काम पूरा होने की उम्मीद है। मंदिर निर्माण से डबरा क्षेत्र में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा।

 

ग्रह और उनकी पत्नियों के नाम

  1. सूर्य-संध्या, छाया देवी
  2. चन्द्र-रोहिणीदेवी
  3. मंगल-शकितदेवी
  4. बुध-इलादेवी
  5. बृहस्पति-तारादेवी
  6. शुक्र-सुकीर्ति-उजस्वतीदेवी
  7. शनि-नीला देवी
  8. राहु-सीम्हीदेवी
  9. केतु-चित्रलेखादेवी

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